देवास। शहर में
किस तरह प्रशासन पर
खादी भारी है
इसकी बानगी एक
बार फिर देखने
को मिली। कुछ
माह पूर्व उज्जैन
से तबादला होकर
आई सीएसपी शकुंतला रूहल
का तबादला अचानक
शाजापुर जिले के शुजालपुर एसडीओपी के
पद पर कर
दिया है। जब
कोई नया अधिकारी आता
है तो शहर
के अवैध धंधों
पर शिकंजा कंसना
शुरू करते हुए
कार्रवाई करना शुरू करता
है। इसका उसे
तोहफा यह मिलता
है तुरंत राजनीति हावी
हो जाती है
और उसका तबादला
शहर से अन्य
जगह कर दिया
जाता है। नवागत
सीएसपी शकुंतला रूहल
को आए कुछ
ही महीने हुए
थे। जब सीएसपी
को एसडीओपी बनाकर
ही तबादला करना
था तो उज्जैन
से देवास सीएसपी
के रूप में
तबादला करने का
क्या औचित्य था...?। शासन को
अगर एसडीओपी ही
बनाना था तो
उज्जैन से सीधे
शुजालपुर तबादला किया जा
सकता था। वहीं
भोपाल से तबादला
होकर आए सीएसपी
विजयशंकर द्विवेदी का हाल की
तबादला सोनकच्छ एसडीओपी पद
से किया था।
वहीं कोतवाली थाने
पर करीब 10 साल
पहले पदस्थ थे।
अब फिर विजयशंकर द्विवेदी को
सीएसपी बनाया गया
है। देवास शहर
में जो अधिकारी एक
बार आता है
उसे शहर से
ऐसा मोह हो
जाता है कि
वो यहां से
जाना ही नहीं
जाता है।
सीएसपी को सट्टे अड्डे पर दबिश देना का दिया इनाम...?
बीएनपी थाना क्षेत्र के
कृषि उपज मंडी
क्रंमाक-2 के पीछे लंबे
समय से सट्टा
का अड्डा पुलिस
के सरंक्षण में
चल रहा था।
इस सट्टे के
अड्डे पर बीएनपी
पुलिस कार्रवाई करने
की जहमत भी
नहीं उठा रही
थी। यह सट्टा
भाजपा नेता का
रिश्तेदार संचालित कर रहा था।
यह वहीं सट्टे
का अड्डा है
जो कई वर्षो
पहले आवासनगर में
संचातिल होता था। जिस
पर तात्कालीन बीएनपी
टीआई प्रतापसिंह रणावत
ने शिकंजा कसा
था। जिसके बाद
यह सट्टा उसे
पैमाने पर कृषि
उपज मंडी के
पीछे संचालित होने
लगा था। नवागत
सीएसपी शकुंलता रूहल
को सट्टे के
अड्डे की जानकारी मिलने
पर संबंधित थाने
को सूचना दिए
बगैर कार्रवाई की।
सीएसपी की टीम
ने मौके नानू
उर्फ संजु पिता
निर्भयसिंह बागरी निवासी बिहारीगंज, इकबाल
पिता हमीद खां
निवासी नुसरत नगर,
संजु पिता कैलाश
परमार निवासी राधागंज,ओमप्रकाश पिता
उमरावसिंह मालवीय निवासी लक्ष्मीबाई मार्ग,
दीपक पिता दिनेशचंद्र सुथार
निवासी राधागंज, पंकज
पिता पोपसिंह परमार
निवासी टिगरिया सांचा,
प्रेम पिता नंदराम
निवासी राधागंज और
मनोहर पिता दयाराम
चौहान निवासी राधांगज को
मौके से पकड़ा
था। पुलिस ने
मौके से 17 हजार
330 रूपए,
मोबाइल और सट्टा
सामग्री जब्त की थी।
लेकिन इस सट्टे
के अड्डे का
मुख्य खाईवाल दीपक
पिता रामसिंह यादव
निवासी राधागंज मौके
से भाग गया
था। जिसे पुलिस
अभी तक गिरफ्तार नहीं
कर पाई है।
मंडी के पीछे
चल रहे बड़े
सट्टे के अड्डे
पर पहली बार
पुलिस ने कार्रवाई की
है। इस कार्रवाई को
लेकर सीएसपी शकुंतला रूहल
को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा
प्रोत्साहित करने की जगह
इनाम यह दिया
की कार्रवाई के
चार दिन बाद
उनका तबादला कर
दिया गया। वहीं
जो इस पूरे
सट्टे के अड्डे
को संचालित करवाने
में दोषी थे
उन पर कोई
कार्रवाई नहीं की गई।
जबकि बीट प्रभारी की
जानकारी बिना बड़े पैमाने
पर किसी भी
थाना क्षेत्र में
कोई गतिविधि संचालित नहीं
हो सकती है।
फिर वरिष्ठ अधिकारियों ने
बीट प्रभारी पर
कोई कार्रवाई क्यों
नही की...?
पूर्व सीएसपी को भी मोह नहीं हो रहा था भंग
Ye bollywod movi jesa ho rha h
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